वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग, २५वाँ अद्वैत बोध शिविर
१८ अक्टूबर २०१६
नैनीताल
प्रसंग:
मंदिर किसे कहें?
क्या मंदिर में जाकर हनुमान चालीसा पढ़ना आवश्यक है?
आजकल मंदिरों का इतना दुर्दशा क्यों हो गया है?
आजकल मानव निर्मित मंदिर बनाने की क्या आवश्यकता है?
क्या मंदिर वो जहाँ मन सरल हो जाए?
क्या मंदिर हमारे भीतर ही हैं?
बाँसुरी संगीत: मिलन दाते